ब्रह्म मुरारि सुरार्चित लिंगं निर्मल भासित शोभित लिंगम् । जन्मज दुःख विनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ । ॥ देव मुनि प्रवरार्चित लिंगं काम-दहन करुणाकर लिंगम् । रावण दर्प विनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥2॥ सर्व सुगन्धि सुलेपित लिंगं बुद्धि-विवर्द्धन कारण लिंगम् । सिद्धसुरासुर वन्दित लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥3॥ कनक महामणि भूषित लिंगं फणिपति-वेष्टित […]
राधे राधे🙏🏻
ऊं गं गणपतये नमः🙏🏻
राधे राधे🙏🏻
जय श्री कॄष्ण🙏🏻
Om namah shivay